शनिवार, अगस्त 07, 2010

महाराज जी के नवीनतम चित्र




तू अजर अनामी वीर । भय किसकी खाता । तेरे ऊपर कोई न दाता ।अद्वै वैराग कठिन है भाई । अटके मुनिवर जोगी । अक्षर को ही सत्य बताबें । वे हैं मुक्त वियोगी । अक्षरतीत शबद एक बांका । अजपा हू से है जो नाका । ऊर्ध्व में रहे । अधर में आवे । जो जब जाहिर होई । जाहि लखे जो जोगी । फ़ेर जन्म नहीं होई । जैसा आत्मग्यान का सर्वोच्च बोध मुझे कराने वाले पूज्य श्री महाराज जी कुछ दिन पहले हमारे अति आग्रह पर आगरा आये । तब उनके नवीनतम चित्र लिये । जो महाराज जी के भक्तों । शिष्यों की खातिर एक साथ प्रकाशित कर रहा हूं । महाराज जी का फ़ोन नम्बर 0 96 39 89 29 34 है । जिस पर सत्य की तलाश में भटकते लोग अपनी जिग्यासा का समाधान कर सकते हैं । जय गुरुदेव की । जय जय श्री गुरुदेव ।
********
" जाकी रही भावना जैसी । हरि मूरत देखी तिन तैसी । " " सुखी मीन जहाँ नीर अगाधा । जिम हरि शरण न एक हू बाधा । " विशेष--अगर आप किसी प्रकार की साधना कर रहे हैं । और साधना मार्ग में कोई परेशानी आ रही है । या फ़िर आपके सामने कोई ऐसा प्रश्न है । जिसका उत्तर आपको न मिला हो । या आप किसी विशेष उद्देश्य हेतु कोई साधना करना चाहते हैं । और आपको ऐसा लगता है कि यहाँ आपके प्रश्नों का उत्तर मिल सकता है । तो आप निसंकोच सम्पर्क कर सकते हैं ।

कोई टिप्पणी नहीं:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...