मंगलवार, अप्रैल 27, 2010

पिये बगैर पेप्सी नाय मोय चैन परेगो

रोटी मजा न देगी कदुआ मजा न देगो
खाये बगैर वर्फ़ी जीवन मजा न देगो
समझाय रही हूँ तुझको कार लाय दे मुझको
कार में न जाऊंगी तो जायबो मजा न देगो
लस्सी मजा न देगी शरवत मजा न देगो
पिये बगैर पेप्सी नाय मोय चैन परेगो
बतलाय रही हूँ तुझको घुमाय आगरा मुझको
ताजमैल नाय देखूंगी तो कैसे चैन परेगो

माया को सब खेल है माया की सब चाल

माया को सब खेल है माया की सब चाल
माया फ़ेरे मूढमति माया के सब जाल
माया है सब भाई बन्ध माया के सब मात पिता
माया के पीछे भागे सब माया को है अता न पता
अरे माया को कोई समझ न पायो माया दे रही सबको धता
करियो खता माफ़ फ़क्कङ की रओ माया की असलियत बता

मौत आखिरी सत्त है

राम नाम सत्त है एक रोज मत्त है
राम नाम सत्त है जाने को को मत्त है
हमें उठानों पत्त है ओ ले जानों पत्त है
आओ आओ होश में आओ
दुनिया वालो तुम जग जाओ
मौत आखिरी सत्त है
जाओ जाओ लाइन से जाओ
जीयत हते तब ध्यान न आओ
रोज पाप कत्त हो तासो जल्दी मत्त हो
बाबा आओ चाचा आओ
लाइन लगा के धत्ते जाओ
जो करो सो भन्नो पत्त है
ताईसे सो मन्नो पत्त है
अपनी टिकट कटाते जाओ
लाते जाओ धत्ते जाओ
काय को देर कत्त हो .

तू नैन तो मिलाय ले काहू यार से

सुन लेउ ओ भौजी दीवानी
तेरी बीती जाय रयी ज्वानी
तू नैन तो मिलाय ले काहू यार से
तेरी वारी उमर है गोरी
तू लगे कसम ते छोरी
काहे गैल निहारे बङी देर से
सुन ले ओ जोबन मतबारी
है तेरी उमर तो वारी
तेरे पाछे लाखों लुक्का
तू हैगी सबकी प्यारी
हो अंगिया सिलाओं तोको
दिल दे ना कर तू अब देर रे

इस खेल में जीजा लुट जाऊंगी

अरे हाय हाय छोङ दे जीजू |
काहे अकेले में पकरे है तू
हाय छोङ दे जीजू
जिज्जी देख लेगी ओ जीजू
तेरी कसम तो पे मरते है
पर तेरी जिजी सों डरते हैं
लगता है मोये ऐसा तू है मेरी रानी
जिज्जी तो अब बेकार लगे, है तोपे नयी जवानी
करने दे खेल सुरू
हाय छोङ दे जीजू
मेरो प्यार करन को मन रानी अब तू सुन मेरी बात
थोरे मे कोय बात नाय ओ नाय तेरो कछु घिस जात
एक प्यार का गोला मारूं तोय अपने रंग रंग डारू
आजा बाहों में तू
हाय छोङ दे जीजू
इस खेल में जीजा लुट जाऊंगी
नाय मानो तो पछताओगी
हूं मैं परायी मुझे बालम घर है जाना
साली आधी घरवाली कहता है ये जमाना
मोहे करने दे खेल शुरू
हाय छोङ दे जीजू

जासे आदमी डरात है बाके नाम के आगे जी लगात है .

अब एक दिना की बात बताये आपको.हम आपको बताय ही चुके कि छेदा फ़ुनवा पे कैसी खुपङिया चाटत है. हमने सोची आज हम उल्टो ही हिसाब कर दे . सो हमने छेदा को कनफ़ोरा टूरन टूरन कर दियो .छेदा ने फ़ोन उठाओ ओ बोलो कों रे कहा कहत है . हमने कही बात कछू नांय भैया . हमने सोची जाय चेताय . सो हमने कही ओरे भौजी से बात करन को मन है . भौजी को कनफ़ोरा पकरईये .
अब जू का बोलो . काय रे पत्नी जी से .
हमने कही .काय यार तुम लुगाई से पत्नी जी कओ करत हो . बोलो . जू नियम है जासे आदमी डरात है बाके नाम के आगे जी लगात है . हमने कही काय जी तो तू परधान जी के नाम के आगेऊ लगात है पर तू कहत है कि वासे डरपत नांय .
बोलो ठीक है जादे बों बों न कर अब तू जान गओ तो काहू बतईये ना कि छेदा गुलबिया से डरात है.
हमने कही कैसी बातें कर रओ है हमें का परी कि काहू बतात फ़िरें कि छेदा लुगाई को नौकर है .
अब छेदा आदत से मजबूर बोलो का कर रओ थो .
हमने कही फ़िर करवे के चक्कर में पर गओ और सुना कहा हाल है . अब का बोलो . बस मौज है साली जी आयी हुयी है . साले जी भी है सासु जी भी है और रस ले के बोलो ओरे सरेज जी भी आयी हैं . हम तो भाई सनाका खाय गये सब जी जी वाले है .
हमने कही यार हद कर रओ है तू सबके आगे जी लगात है . बोलो यार पूरी ससुरार से ही डर लगत है . हमें तुमायी कसम बङी मौज आयी पर ऊपर से झूठी सहानुभूति दिखाय के बोले यार एक बात पूछ रये एकदम सही बतईयो .
जे एकदम चक्कर में आय गओ बोलो पूछ तेरी कसम सही बतैये . हमने कही जब हमने कनफ़ोरा बजाओ तब कहा कर रओ थो .
अब जि आदत से मजबूर सो मोंह से निकर गयी पेटीकोट धोय रओ थो . हम हसी रोक के बोले भौजी को .
अब छेदा सीधो साधो बोलो वाको तो धोय दओ सारी को धोय रये बस बिलोज ओ अंगिया और रह गयी..
हमाओ तो हसत हसत पेट फ़ूल गओ होतो फ़िर हसी रोक के बोले ठीक है रे ससुरारियन की सेवा करे ते भारी पुन्न होत है . छेदा बोलो ज तेरी पहली बात जो हमें नीकी लगी .

शादी करने का हाय क्या मजा

एक दिना छेदा अपनी लुगाई के साथ हमाये घर आयो .दुपहरिया को टायम रहे सबने कही आज सलेमा चलो फ़िर मूङ बनो कि घरे ही सलेमा बनाय लो सो गुलबिया ने श्रीदेवी को फ़ोटू मोंह पे लगाय लओ ओ कलुईया ने माधुरी को छेदा जीतन्दर बन गओ ओ हम सलेमान खान फ़िर उनकी मोटी मोटी कमर पकर खूब नाच भओ .
धम चिक चिक धम . धम चिक चिक धम .
शादी करने का हाय क्या मजा
धम चिक चिक धम . धम चिक चिक धम .
चौका बासन सब्जी रोटी ओ ओ ओ
गौने से अब तक ..हर दिन तक ..तक तक
क्यों शादी की मन में बात उठी ओ ओ ओ ओ
मेरे अरमानों की बारात लुटी .
करूं झाङू पोंछा ..पग दावन तक .
धम चिक चिक धम . धम चिक चिक धम .
कैसो अन्धेर जू आओ ददा
जो भारत में कबहू न सुना
ऐसी लुगाई कहां से आई
पती को नौकर माने
और खुद बैठे बन ठन ठन कर
धम चिक चिक धम . धम चिक चिक धम .
जा देश की नारी बिगर गई
औरत की शरम हाय निकर गई
जाकी हया शरम कहूं गिर गई
औरत ने बिलकुल उतार दई
जो रह गयी थी बस देखन तक
ओ छेदा मेरे दिल हूक उठे
तू व्याह न करिये दस जीवन तक .
धम चिक चिक धम . धम चिक चिक धम .

आजा सामरिया ताल से ताल मिला

आपको एक सांची बात बतात हैं.छेदा की एक भोत खराब आदत है एक नम्बर को चाटू हे. ओ जब ते जे कनफ़ोरा मुबाल चलि भै..सारो खुपङिया चाट के रक्खि देत..अब वा दिन की बात बताये अच्छे खासे बैठे चा को मजा ले रये थे सुपङ सुपङ ओ जाने हमाय कनफ़ोरा पे टुरन टुरन चालू कर दयी हमने कही आज जाय हमऊ चाटे आप जरा
गौर दियो जाने कनफ़ोरा बजाओ पक्क ते हमनेऊ हरे रंग को बटन दवाय दयो इत्तो हम ऊ जान्त कि ज बटन दवा के कान ते लगा लेओ तो उते की अवाज इते सुनाई देत है इते की अवाज उते सुनाई देत है कि नाय जि हमें आज तक पता इ न चली हमें का करिवें बस्स हमें तो सुनाई पर रई है छेदा बोलो.का कर रओ थो .
हम तो चाटन के मूड में बोले .कलुईया अरे यार माधुरी यार तुमाई भउजी घरे नाय करिवे को सवाल ई नाय .
अजीव बात करत हो हमने भउजी की कहा बात करी
हमने कही .ओरे सिर्री कछु करे तो तबई होई जब बा होई
अरे पगलटू छेदा बोलो करिवे को भउजी से कहा मतबल
हम ऊ मजा में थे काये छेदा तू बिना भउजी के कर लेत है
अब सुनो बिना बात की बात का होत है बोलो करिवे को कहा जरूरी भौजी होय हमने कई बात तो सांची पर दूसरी तो होय बोलो हमायी समझ में नाही आवत करिवे को पहली दुसरी कहा लायी हम तुमायी कसम पूरे मजा में ..आज जाय चाटयें . हमने कही तो का कोई नओ आविष्कार कर लओ बोलो हद्द करत है जो काम तो सब जानत है जामें आविष्कार की कहा बात है
अब आप देखो हम पूरे मजा में ओ छेदा समझ न पाये हमने कही हम तो बाके बिना कछू ना कर पात हमायी जेही समझ में ना आत कहा करे कहा ना करे
बोलो कहा पागल है चारो तरफ़ देख ओ जहां ठीक लगे शुरु होय जा
हमने कही जाने तुम कहा कह रहे हो हमें तो बङी शरम लगत है
बोले शरम तो हमऊ लगत है पर ब सारी सरेज सबके सामने करवा लेत है मानत ई नांय
अब देखो बात कछू नाय पर मजा पूरो हमने कही धन्य हो यार यार तुम ..सबके सामने कर लेत हमें अकेले मेंऊ
मुश्किल परत है
बोले ब तो ठीक है शुरू शुरू में शरम लगत है फ़िर आदत पर जात है
आप देखो क्या मजे की बात थी
हमने कही न्यारी तुमायी आदत है जो पर जात है हियां तो अकेले मेंऊ आदत नाय परी .
अब छेदा कुसकुसाओ .काये सही बतईओ कवहू ना करत है .
हम मन ही मन हस के बोले ब करवात ई ना तो करे कैसे
बोले यार हमायी तो सबेरे संजा दोऊ टाम करवावत है .
हमने कही तबही कछु कमजोरी सी आय गयी .
बोलो ठीक कहत हो मेहनत जादे पर जात है .
हमने कही तो इत्तो करत क्यों हो .
बोले का करें ब मानत ई नांय .
हमने कही हमायी तो मान जात है .
बोले तुमायी मान जात होये हमायी तो सवेरे से करवान लगत है .
हमने कही रात में सोय लेत हो कि नांय .
अब छेदा भङको . बोलो सोयवे से जाको कहा मतबल .
हमने कही हम कहा जाने का मतबल. हम तो जो अबे तक कह रये थे वाऊ को मतबल नांय जानत .
बोलो तो फ़िर काय को खाम खां बोंय बोंय कर रओ
हमने कही हम तो यार सुर में सुर मिलाय रहे थे कसम से हमें नहीं मालूम तुम काय के बारे में बात करत हो .
छेदा के मोंह से निकर गयी . चौका बासन रोटी झाङू पोंछा चा पानी की बात कर रहे थे और तुम कहा समझ रहे थे .
हमने कही हम तो कछु ना समझ रहे थे बस सुर में ताल मिला रहे थे .

बीङी जराय ले जिगरवा ते

छेदीलाल हमाये परम मित्र है और आजकल के नांय काऊ जमाने के मित्र हैं हम दोऊ को सलेमा को बङो शौक और उन दिनन भैया श्रीदेवी औ माधुरी दिक्षित को बङो जलवा..धक.धक करन लगा जिया मोरा..मैं नगिनी तू सपेरा..अब दोऊ लोगन ने का प्लान बनाओ कि यार ब्याह करियें तो इनसे ही करिये.. ए घरे रोटी पानी करिके नचती तोऊ रहिये..सो दोनन ने एक एक छांट लयी हमने माधुरी और छेदा ने श्रीदेवी औ रेल में बैठ के बम्बई पहुँच गये . बम्बई ससुरा बङा खराब जगह जाय पता पूछे सोई ऐसे देखे मानों हम आदमी नाय उल्लू होंय काऊ ने पानी तक की नाय पूछी जब थक हार गये तो एक भले आदमी
ने पता बता दयो सो फ़िर हम थक हार के श्रीदेवी के घरे पहुँचे..चलो अब सब चिन्ता कटी रात को रोटी खय्यें व्याह की बात करिये ज सोच रये थे पर दरवज्जे पे तीन चार मुटल्ला ठाङे रहे..पहिले तो बात सुन खूब हसे..फ़िर बोले हमऊ व्याह करन आये थे आज चौकीदारी करत हैं..हमने कहा भैया हमारी बात कराय दो . तुम्हारो परचे कम होगो हमन तो एक एक सलेमा बीस बीस बार देखो हमारो परचे जादा है..उन्ने देखी कि
हम मानवे वारे नांय.. मार मार डंडा हमाय पाटे सुजाय दये..खैर हम गांव वापस आय गये ओ जिद के हमऊ पक्के..व्याह करिये तो श्रीदेवी और माधुरी से ईं..सो छेदा ने राम नगरा के भोंदा की छोरी गुलबिया से व्याह कर लयो ओ नाम रख्ख दयो श्रीदेवी..ओ हमऊ ने खिलाङी चच्चा की मोंङी कलुईया से व्याह कर लयो ओ नाम रख्ख दयो माधुरी..ओ दोऊ
एक एक फ़ोटू लाय के जैसे होरी पे बालक मुखौटा लगा लेत है अपन अपन लुगाई को पहना दिये होइगै कि नाय श्रीदेवी ओ माधुरी ओ कसम ते वीडो देख देख ऐसो नचिवो सिखी हमायी श्रीदेवी ओ माधुरी ..बस्स अब तो धक
धक होये जिया मोरा..बीङी जरा देय जिगरवा से..किसम ते दोऊ अपयीं अपयीं मोटी मोटी कमर मटकाय मटकाय ऐसे नचती कि पूछो मत भैया अब हम दोऊ जने सलेमा ऊ देखन नांय जात नुकसान तो श्रीदेवी को ओ माधुरी कोई भयो..ओरु एक बात बतायें हम दोऊ की लुगाई ऐसी डबल बलक तिवल हैं कि एक एक मैं तीन तीन श्रीदेवी ओ माधुरी बन जायेगी अब बताओ भैया फ़ायदे में रहे कि नांय

गुरुवार, अप्रैल 22, 2010

ये जिस्म का है या रूहों का मिलन

>तेरे अधरों का रस चूमने को
बेकरार थी तेरी लट भी..
जब तू खोयी थी अपने सपनों में
खनकी थी तब तेरी चूङी
तूने किस अहसास से लव खोले थे..
ये मैं हूँ कि मैं नही हूँ..
ये तुम हो कि तुम नहीं हो
ये हम है कि हम नहीं है
ये जिस्म का है या रूहों का मिलन
क्यूं लग रहा है
मैं जन्मों की प्यासी हूँ सनम..
वो हमारे मिलन की
क्या हसीन रात थी
मैं बनी हूँ सिर्फ़ तेरे लिये
ए मेरे सरताज ए मेरे प्रियतम
अब ये तन मन तो बस तेरा है
ये होठों की लाली ये आंखो का काजल
ये रूप ये रंग ये यौवन
मेरे सीने की हर एक धङकन
ये रूह से उठती सदाएं
कह रहीं है सुन जरा
मैं तेरी हूँ मैं तेरी हूँ
खो जाने दे मेरे जुनून को

तेरे अस्तित्व में..तुझ में
जैसे खो गया है तू अपने से
मेरे मैं ..दूर तक मुझ में
ये शीतल चाँदनी रात..साजन
मिलने दे मन को ..मन से
तन को ..तन से
यूँ होने दे रूह से रूह का मिलन

ये प्यार का मौसम है शायद..

>याद है तुझे वो दिन
जब हम साथ थे..
इक पल को बहक गयी फ़िजा भी
तेरी मदमस्त अठखेलियों से..
बादल भी चाह रहा था झूम के बरसना
तेरे गोरे अंग से लिपटने को..
हवा उङा रही थी तेरा आंचल
जब तू दूर कहीं अनजान सपनों में
खुद से बेखबर खुद हो रही थी .
ये प्यार का मौसम है शायद..
तूने कहा था .
तब तू मेरे आगोश में थी
जब घटायें घिरने ही लगी
उस अनजान वन में
तू मेरे अधरों से अधर जोङ रही थी
कंपित था तेरा वक्षस्थल
मदहोश था मैं तेरे यौवन में
ये प्यार का नशा है
या कि पास तुम हो..
वे सुहाने पल बरसात के
क्या याद है तुझे वो दिन
जब हम साथ थे
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