रोटी मजा न देगी कदुआ मजा न देगो खाये बगैर वर्फ़ी जीवन मजा न देगो समझाय रही हूँ तुझको कार लाय दे मुझको कार में न जाऊंगी तो जायबो मजा न देगो लस्सी मजा न देगी शरवत मजा न देगो पिये बगैर पेप्सी नाय मोय चैन परेगो बतलाय रही हूँ तुझको घुमाय आगरा मुझको ताजमैल नाय देखूंगी तो कैसे चैन परेगो
1 टिप्पणी:
ताजमैल नाय देखूंगी तो कैसे चैन परेगो - वाह
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