
अब जू का बोलो . काय रे पत्नी जी से .
हमने कही .काय यार तुम लुगाई से पत्नी जी कओ करत हो . बोलो . जू नियम है जासे आदमी डरात है बाके नाम के आगे जी लगात है . हमने कही काय जी तो तू परधान जी के नाम के आगेऊ लगात है पर तू कहत है कि वासे डरपत नांय .
बोलो ठीक है जादे बों बों न कर अब तू जान गओ तो काहू बतईये ना कि छेदा गुलबिया से डरात है.
हमने कही कैसी बातें कर रओ है हमें का परी कि काहू बतात फ़िरें कि छेदा लुगाई को नौकर है .
अब छेदा आदत से मजबूर बोलो का कर रओ थो .
हमने कही फ़िर करवे के चक्कर में पर गओ और सुना कहा हाल है . अब का बोलो . बस मौज है साली जी आयी हुयी है . साले जी भी है सासु जी भी है और रस ले के बोलो ओरे सरेज जी भी आयी हैं . हम तो भाई सनाका खाय गये सब जी जी वाले है .
हमने कही यार हद कर रओ है तू सबके आगे जी लगात है . बोलो यार पूरी ससुरार से ही डर लगत है . हमें तुमायी कसम बङी मौज आयी पर ऊपर से झूठी सहानुभूति दिखाय के बोले यार एक बात पूछ रये एकदम सही बतईयो .
जे एकदम चक्कर में आय गओ बोलो पूछ तेरी कसम सही बतैये . हमने कही जब हमने कनफ़ोरा बजाओ तब कहा कर रओ थो .
अब जि आदत से मजबूर सो मोंह से निकर गयी पेटीकोट धोय रओ थो . हम हसी रोक के बोले भौजी को .
अब छेदा सीधो साधो बोलो वाको तो धोय दओ सारी को धोय रये बस बिलोज ओ अंगिया और रह गयी..
हमाओ तो हसत हसत पेट फ़ूल गओ होतो फ़िर हसी रोक के बोले ठीक है रे ससुरारियन की सेवा करे ते भारी पुन्न होत है . छेदा बोलो ज तेरी पहली बात जो हमें नीकी लगी .
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