मंगलवार, अप्रैल 27, 2010

बीङी जराय ले जिगरवा ते

छेदीलाल हमाये परम मित्र है और आजकल के नांय काऊ जमाने के मित्र हैं हम दोऊ को सलेमा को बङो शौक और उन दिनन भैया श्रीदेवी औ माधुरी दिक्षित को बङो जलवा..धक.धक करन लगा जिया मोरा..मैं नगिनी तू सपेरा..अब दोऊ लोगन ने का प्लान बनाओ कि यार ब्याह करियें तो इनसे ही करिये.. ए घरे रोटी पानी करिके नचती तोऊ रहिये..सो दोनन ने एक एक छांट लयी हमने माधुरी और छेदा ने श्रीदेवी औ रेल में बैठ के बम्बई पहुँच गये . बम्बई ससुरा बङा खराब जगह जाय पता पूछे सोई ऐसे देखे मानों हम आदमी नाय उल्लू होंय काऊ ने पानी तक की नाय पूछी जब थक हार गये तो एक भले आदमी
ने पता बता दयो सो फ़िर हम थक हार के श्रीदेवी के घरे पहुँचे..चलो अब सब चिन्ता कटी रात को रोटी खय्यें व्याह की बात करिये ज सोच रये थे पर दरवज्जे पे तीन चार मुटल्ला ठाङे रहे..पहिले तो बात सुन खूब हसे..फ़िर बोले हमऊ व्याह करन आये थे आज चौकीदारी करत हैं..हमने कहा भैया हमारी बात कराय दो . तुम्हारो परचे कम होगो हमन तो एक एक सलेमा बीस बीस बार देखो हमारो परचे जादा है..उन्ने देखी कि
हम मानवे वारे नांय.. मार मार डंडा हमाय पाटे सुजाय दये..खैर हम गांव वापस आय गये ओ जिद के हमऊ पक्के..व्याह करिये तो श्रीदेवी और माधुरी से ईं..सो छेदा ने राम नगरा के भोंदा की छोरी गुलबिया से व्याह कर लयो ओ नाम रख्ख दयो श्रीदेवी..ओ हमऊ ने खिलाङी चच्चा की मोंङी कलुईया से व्याह कर लयो ओ नाम रख्ख दयो माधुरी..ओ दोऊ
एक एक फ़ोटू लाय के जैसे होरी पे बालक मुखौटा लगा लेत है अपन अपन लुगाई को पहना दिये होइगै कि नाय श्रीदेवी ओ माधुरी ओ कसम ते वीडो देख देख ऐसो नचिवो सिखी हमायी श्रीदेवी ओ माधुरी ..बस्स अब तो धक
धक होये जिया मोरा..बीङी जरा देय जिगरवा से..किसम ते दोऊ अपयीं अपयीं मोटी मोटी कमर मटकाय मटकाय ऐसे नचती कि पूछो मत भैया अब हम दोऊ जने सलेमा ऊ देखन नांय जात नुकसान तो श्रीदेवी को ओ माधुरी कोई भयो..ओरु एक बात बतायें हम दोऊ की लुगाई ऐसी डबल बलक तिवल हैं कि एक एक मैं तीन तीन श्रीदेवी ओ माधुरी बन जायेगी अब बताओ भैया फ़ायदे में रहे कि नांय

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