मंगलवार, अप्रैल 27, 2010

शादी करने का हाय क्या मजा

एक दिना छेदा अपनी लुगाई के साथ हमाये घर आयो .दुपहरिया को टायम रहे सबने कही आज सलेमा चलो फ़िर मूङ बनो कि घरे ही सलेमा बनाय लो सो गुलबिया ने श्रीदेवी को फ़ोटू मोंह पे लगाय लओ ओ कलुईया ने माधुरी को छेदा जीतन्दर बन गओ ओ हम सलेमान खान फ़िर उनकी मोटी मोटी कमर पकर खूब नाच भओ .
धम चिक चिक धम . धम चिक चिक धम .
शादी करने का हाय क्या मजा
धम चिक चिक धम . धम चिक चिक धम .
चौका बासन सब्जी रोटी ओ ओ ओ
गौने से अब तक ..हर दिन तक ..तक तक
क्यों शादी की मन में बात उठी ओ ओ ओ ओ
मेरे अरमानों की बारात लुटी .
करूं झाङू पोंछा ..पग दावन तक .
धम चिक चिक धम . धम चिक चिक धम .
कैसो अन्धेर जू आओ ददा
जो भारत में कबहू न सुना
ऐसी लुगाई कहां से आई
पती को नौकर माने
और खुद बैठे बन ठन ठन कर
धम चिक चिक धम . धम चिक चिक धम .
जा देश की नारी बिगर गई
औरत की शरम हाय निकर गई
जाकी हया शरम कहूं गिर गई
औरत ने बिलकुल उतार दई
जो रह गयी थी बस देखन तक
ओ छेदा मेरे दिल हूक उठे
तू व्याह न करिये दस जीवन तक .
धम चिक चिक धम . धम चिक चिक धम .

3 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

क्या मस्त लिखा है अपने

बेनामी ने कहा…

क्या मस्त लिखा है अपने

Unknown ने कहा…

क्या मस्त लिखा है अपने

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